चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को महत्वपूर्ण संपत्ति का खुलासा करने की जरूरत

Apr 10, 2024

-अपने या आश्रितों की हर चल संपत्ति का खुलासा करना जरुरी नहीं

नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी का यह वैधानिक दायित्व है कि वह अपने बारे में पूरी जानकारी वोटर को दे। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीदवार और उसके परिवारीजनों को आय के स्रोत की जानकारी देने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत वोटर का यह मौलिक अधिकार है कि वह इस बात की जानकारी ले कि वह किस कैंडिडेट को चुनाव में चुन रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी निजता का अधिकार है। उम्मीदवार को उसकी निजी संपत्ति के हर पहलू का खुलासा करने जरुरत नहीं है। उन्हें केवल महत्वपूर्ण संपत्ति का खुलासा करने की जरूरत है। जिससे मतदाताओं को उनकी वित्तीय स्थिति और लाइफस्टाइल की समझ हो सके। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने या आश्रितों के स्वामित्व वाली हर चल संपत्ति का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना यह फैसला अरुणाचल प्रदेश के एक निर्दलीय विधायक के मामले में सुनाया है।

अरुणाचल प्रदेश के करीखो क्री ने 23 मई, 2019 को एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव जीता था। हालांकि, उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर तीन गाड़ियों का जिक्र अपनी संपत्ति में घोषित नहीं किया, जिसके कारण उनका चुनाव रद्द करने की मांग उठी थी। मामला गुवाहाटी हाईकोर्ट में गया, जहां करीखो क्री के चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया गया था।

बता दें पिछले साल जुलाई में गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। करीखो क्री ने मामले में बताया कि जिन तीन गाड़ियों के बारे हलफनामे में जिक्र की बात कही जा रही वो उन्होंने पहले ही बेच दी थी। इसमें एक स्कूटर, एक मारुति ओमनी वैन जो एम्बुलेंस के रूप में इस्तेमाल होती थी, और एक टीवीएस स्टार सिटी मोटरसाइकिल थी। स्कूटर को 2009 में कबाड़ में बेच दिया गया था। अन्य दो गाड़ियां भी बेच दी गई थी। हाईकोर्ट ने खरीदारों के बयानों की जांच नहीं की।

जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो युगल पीठ ने करीखो क्री के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि बेचे गए किसी भी वाहन को उनकी संपत्ति नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि गाड़ियों का खुलासा न करना चुनाव परिणाम पर कोई खास असर नहीं डालता। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने 9 अप्रैल को फैसले सुनाते हुए कहा कि पर्याप्त संपत्ति जो मतदाता को उम्मीदवार की जीवनशैली या संपन्नता के बारे में जानकारी देती है, उसका खुलासा किया जाना चाहिए। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि एक उम्मीदवार चल संपत्ति के हर आइटम जैसे कपड़े, जूते, क्रॉकरी, स्टेशनरी, फर्नीचर आदि की घोषणा करे जो उसके पास या उसके आश्रित परिजनों के पास है।




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