उज्जैन संभाग में मंदसौर-नीमच के भरोसे भाजपा

Nov 15, 2023

-कांग्रेस में पुराने चेहरों की वापसी, निर्दलीय भी चुनौती

भोपाल । 2013 में 29 में से 28 सीटें भाजपा की झोली में डालने वाले उज्जैन संभाग के परिणाम इस बार चौंकाने वाले हो सकते हैं। ग्रामीण ही नहीं शहरी सीटों को लेकर भी इस बार स्थिति डांवाडोल है। भाजपा को सर्वाधिक उम्मीद रतलाम, मंदसौर-नीमच से ही है, जहां पिछले तीन चुनाव मिलाकर भी कांग्रेस पांच सीट से ज्यादा नहीं जीती। इंदौर की ओर से उज्जैन जिले में प्रवेश करते हैं तो निनौरा गांव आता है। यह उज्जैन दक्षिण का हिस्सा है, जहां से मंत्री मोहन यादव उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस ने चेतन यादव को उतारा है। लोग कहते हैं कि यहां 80 प्रतिशत लोग भाजपा को सपोर्ट करते हैं। इसकी वजह महाकाल लोक से बढ़े रोजगार के अवसर, उज्जैन तक मेट्रो लाने की घोषणा से लेकर लाड़ली बहना तक बताते हैं। उज्जैन शहर की ओर बढ़ें तो भाजपा खुद ही महाकाल लोक की उपलिब्ध को जनता के बीच ले जाने में संकोच करती दिखती है। वजह आंधी के कारण मूर्तियों को हुआ नुकसान है। जमीन-शराब कारोबार में नेताओं का दखल और भ्रष्टाचार के आरोप उभर आते हैं।

भाजपा को बडऩगर से ही उम्मीद

उज्जैन उत्तर में भाजपा ने मंत्री पारस जैन का टिकट काटकर अनिल जैन को दिया है। महाकाल मंदिर यहीं है। ब्राह्मणों की अच्छी संख्या वाली इस सीट से कांग्रेस ने पार्षद माया त्रिवेदी को मौका दिया है। यहां बिना मुआवजा दिए लोगों के मकान-दुकान टूटने से खासा असंतोष है। उज्जैन ग्रामीण की 5 सीटों में ज्यादातर का गणित उलझा है। बस बडऩगर से उम्मीद है। रतलाम, मंदसौर, नीमच में कांग्रेस में कुछ पुराने चेहरों की वापसी हुई है। मनासा से पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा, गरोठ से सुभाष सोजतिया फिर मैदान में है। आलोट में पूर्व कांग्रेस सांसद प्रेमचंद गुड्डू भी निर्दलीय उतरे हैं। सैलाना, मनासा और आलोट की सीटों में टसल है। बाकी के परिणाम पारंपरिक हो सकते हैं।

मंत्री के लिए जावद में बड़ी चुनौती

 जावद में मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस ने समंदर पटेल को टिकट दिया है। पटेल 2008 में निर्दलीय 33 हजार वोट लेकर आए थे। इतने वोट कटने के बावजूद सकलेचा कांग्रेस के राजकुमार अहीर से बमुश्किल चार हजार की लीड ले पाए थे। कुछ लोग व्यक्तिगत व्यवहार पर अंगुली उठाते हैं







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