अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले नेपाल के 21 हजार पुजारी करेंगे सरयू तट पर महायज्ञ

Jan 11, 2024

अयोध्या। अयोध्या में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सरयू नदी के तट पर महायज्ञ होने जा रहा है। इस यज्ञ को नेपाल के 21 हजार पुजारी संपन्न करेंगे। इसके तैयारियां बहुत तेजी से चल रही हैं। 100 एकड़ में एक टेंट सिटी बसाई गई है। सिटी में 1008 झोपड़ियां बनाई गई हैं जिसमें पुजारियों के रहने की बेहतर व्यवस्था की गई है। भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में नेपाल से 21 हजार पुजारी आने वाले हैं। राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले 14 जनवरी से 25 जनवरी तक अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंगों की स्थापना के लिए एक भव्य ‘राम नाम महायज्ञ’ आयोजित किया जाएगा,जिसमें एक भव्य यज्ञ मंडप भी शामिल है और इसमें 11 परतों की छत है।

महायज्ञ के दौरान रामायण के 24 हजार श्लोकों के जाप के साथ 17 जनवरी से हवन शुरू होगा, जो 25 जनवरी तक चलेगा। हर दिन 1008 शिवलिंगों का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा और यज्ञशाला में बने 100 कुंडों में 1100 जोड़े राम मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन करेंगे। नेपाली बाबा के मुताबिक, शिवलिंगों की नक्काशी के लिए मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी से पत्थर लाए गए हैं। शिवलिंग की तराशी का काम 14 जनवरी से पहले पूरा हो जाएगा। आत्मानंद दास महात्यागी ने आगे कहा कि मेरा जन्म मंदिर शहर के फटिक शिला इलाके में हुआ था और मैं तपस्वी नारायण दास का शिष्य हूं।

उनका दावा है कि नेपाल राजा ने उनका नाम ‘नेपाली बाबा’ रखा था। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राम मंदिर से 2 किलोमीटर दूर सरयू नदी के रेत घाट पर 100 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई है। महायज्ञ का आयोजन आत्मानंद दास महात्यागी उर्फ नेपाली बाबा द्वारा किया जाएगा, जो अयोध्या के रहने वाले हैं मगर अब वह नेपाल में बस गए हैं। उनका कहना है कि मैं यह यज्ञ हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर करता हूं, मगर इस साल हमने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर इसे बढ़ा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हर दिन 50,000 भक्तों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है और प्रति दिन लगभग 1 लाख भक्तों के लिए भोज का आयोजन किया जाएगा। महायज्ञ समाप्त होने के बाद 1008 शिवलिंगों को पवित्र सरयू नदी में विसर्जित किया जाएगा।


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