बैजू बावरा की संगीत साधना, तप और समर्पण से हुए अवगत
Nov 07, 2024
- महान संगीतज्ञ बैजू बावरा के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन
- म.प्र. टूरिज्म बोर्ड ने किया आयोजन, चंदेरी के स्थानीय युवाओं ने किया अभिनय
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा बुधवार को बैजू बावरा नाट्य मंचन का आयोजन जनजातीय संग्रहालय में किया गया। इसमें चंदेरी के 50 युवक-युवतियों ने महान संगीतज्ञ बैजू बावरा के जीवन की प्रमुख घटनाओं, उनकी महानता और उपलब्धियों को रेखांकित किया गया। इस नाटक ने दर्शकों को बैजू बावरा की संगीत साधना, उनके तप और समर्पण को देखने का अवसर दिया।
नाटक में बैजू बावरा के जीवन की कठिनाइयों को भी दिखाया गया, जिनसे वह संगीत के प्रति अपनी असीम श्रद्धा और लगन के कारण उभर सके। नाटक के माध्यम से दर्शकों को यह बताया गया कि किस प्रकार बैजू ने महान संगीतकार बनने की यात्रा में धैर्य, समर्पण, और अथक साधना का परिचय दिया। इस प्रस्तुति में बैजू बावरा के गुरु-शिष्य संबंध, संगीत के प्रति उनकी साधना, तथा तानसेन के साथ उनके प्रतिस्पर्धात्मक मुकाबले को भी दिखाया गया। यह नाटक इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि कैसे बैजू ने अपने संगीत की अद्भुत शक्ति से प्रकृति को भी प्रभावित किया।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग व प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि, स्थानीय युवाओं को पर्यटन उद्यम से जोड़ने की पहल के अंतर्गत यह प्रयास मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से की जा रही है। आशा करते है चंदेरी के ये नवांकुर न केवल वहां की ऐतिहासिक विरासतों से, किरदारों से और पर्यटन अनुभवों से आने वाले पर्यटकों को रूबरू करवाएंगे बल्कि चंदेरी के पर्यटन मित्र के रूप में प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति को आगे बढ़ाएंगे।
बैजू बावरा के अद्वितीय योगदान को दर्शाने के लिए नाटक में उनकी संगीत रचनाओं का जीवंत प्रदर्शन किया गया। कलाकारों ने बैजू के जीवन से जुड़ी घटनाओं को नृत्य, गायन और संवादों के माध्यम से जीवंत कर दिया। इस नाटक ने दर्शकों को भारतीय संगीत के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया और साथ ही बैजू बावरा के योगदान को सम्मानित किया।