ऑस्ट्रेलिया के 3 क्यूब सैटेलाइट्स सूरज की गर्मी से जलकर हुए खाक
Nov 27, 2024
मेलबर्न । ऑस्ट्रेलिया के 3 क्यूब सैटेलाइट्स धरती की निचली कक्षा में जलकर खत्म हो चुके है। इसकी वजह से सूरज की गर्मी को बताया जा रहा है। क्योंकि इस समय सूरज ज्यादा गर्मी दे रहा है। जिसके कारण नुकसान सीधे तौर पर सैटेलाइट्स को हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी के बाइनर स्पेस प्रोग्राम के तीन क्यूब सैटेलाइट्स सोलर फ्लेयर के शिकार हुए। यानी सूरज से निकलने वाली गर्म किरणों से ये तीन क्यूब सैटलाइटस जल गए। ये तीनों सैटेलाइट्स समय से पहले ही खत्म हो गए। ये धरती के ऊपर 2000 किलोमीटर की कक्षा से थोड़ा कम ऊंचाई पर चक्कर लगा रहे थे। लेकिन वे धीरे-धीरे वायुमंडल के नजदीक आने लगे। बाइनर-2, 3 और 4 की यह स्थिति देखकर वैज्ञानिक हैरान रह गए। ये सिर्फ दो महीने ही अंतरिक्ष में जीवित रह सके। जबकि इन्हें 6 माह के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था।
वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में सूरज अपने सोलर मैक्सिमम में चल रहा है। यानी 11 साल का वहां पीरियड जब सूरज में सबसे ज्यादा गतिविधियां होती हैं। सौर धब्बे बनते हैं। सूरज में ज्यादा विस्फोट होता है। ज्यादा सौर लहरें और तूफान निकलते हैं। चार्ज्ड कणों की लहरें निकलती हैं। इसकारण सैटेलाइट्स पर सीधा असर पड़ता है।
सिर्फ सैटेलाइट्स ही नहीं बल्कि धरती पर ज्यादा नॉर्दन लाइट्स यानी अरोरा देखने को मिलता है। 11 साल पूरा होते ही यह वापस ठंडा होता है। फिर 11 सालों तक इस तरह की गतिविधियां कम हो जाती हैं। सोलर मैक्सिमम की शुरूआत 2019 में हुई थी। जब मैक्सिमम का मध्य हिस्सा चल रहा होता है। तब सूरज से बहुत सारे तूफान निकलते हैं।
सूरज के मौसम की भविष्यवाणी मुश्किल
हैरानी इसकी है कि सूरज के मौसम को लेकर वैज्ञानिक ज्यादा भविष्यवाणी भी नहीं कर सकते। इस समय सोलर साइकिल 25 चल रहा है। पिछले कुछ महीनों से सूरज की गतिविधियां उम्मीद से डेढ़ गुना ज्यादा हो रही हैं। जो भी सैटेलाइट्स 1000 किलोमीटर की ऊंचाई या उससे कम दूरी पर धरती का चक्कर लगाते हैं, उन्हें एक वायुमंडलीय खिंचाव महसूस होता है। इसके बाद सैटेलाइट्स को उनकी कक्षा में रखना मुश्किल होता है।