नगर निगम भोपाल में दो नए अपर आयुक्त की आमद कुल मिलाकर 7 अधिकारी ही प्रतिनियुक्ति पर
Sep 02, 2024
भोपाल नगर निगम में दो नए अपर आयुक्त देवेंद्र चौहान एवं हर्षित तिवारी कि कल आमद होने की संभावना है कुल मिलाकर नगर निगम भोपाल में अब साथ अपर आयुक्त हो गए हैं जिसमें मुख्य रूप से निधि सिंह, टीना यादव, रणबीर कुमार सिंह, गुणवत्ता सेवक कर, वरुण अवस्थी, देवेंद्र सिंह चौहान हर्षित तिवारी आदि शामिल है l आश्चर्य की बात यह है की नगर निगम भोपाल में अधिकारियों की सेवा भर्ती नियम 2000 में यह प्रावधान है की 50% पदोन्नति से और 50% प्रति नियुक्ति से अपरायुक्त कार्य करेंगे परंतु नगर निगम में पदस्थ 7 ही upperआयुक्त प्रतिनियुक्ति के पदस्थ हैंl कुछ दिन पूर्व पदार्थ वरुण अवस्थी अप्रयुक्त को अभी तक कार्य आवंटित नहीं हुआ है l
अब देखना यह है कि देवेंद्र सिंह चौहान और हर्षित तिवारी को कौन से विभाग की जिम्मेदारी दी जाती है l सूत्रों का यह भी कहना है की कुछ ही दिनों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के ट्रांसफर की सूची जारी होने वाली है उसमें निगम के कुछ अधिकारी प्रभावित हो सकते हैं l
नगर निगम मूल विभाग का एक भी अप्रयुक्त नहीं: _
भोपाल नगर निगम में सामान्य प्रशासन विभाग की गंभीर लापरवाही के चलते विगत अनेक वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया को जानबूझकर बाधित रखा गया है ताकि नगर निगम का मूल कर्मचारी उच्च पद पर नहीं पहुंच पाए और प्रीति नियुक्ति प्रथा चलती रहे नगर निगम के कई ऐसे विभाग हैं जिसमें मूल कर्मचारियों को वर्षों से पदोन्नति नहीं किया गया है कारण कुछ भी नहीं बताया जा रहा है मनमानी चल रही है और इस मनमानी की ओर ना नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान है और ना ही राज्य शासन के अधिकारी इस और ध्यान दे रहे हैंl
महापौर के निर्देशों का भी नहीं हो रहा पालन मालती राय द्वारा भी कई बार पदोन्नति करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं कुछ दिन पूर्व परिषद की बैठक में भी नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्न पर आयुक्त को अध्यक्ष द्वारा पदोन्नति शीघ्र करने के निर्देश दिए गए परंतु उन निर्देशों का पालन हो पाएगा कि नहीं इस पर संचय दिख रहा है l
कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं
नगर निगम भोपाल में पदोन्नति को लेकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दो माह में पदोन्नति के निर्देश दिए गए परंतु 5 महीने बाद भी पदोन्नति नहीं की गई जिसको लेकर कर्मचारी ने कोर्ट में अब मानना दायर की है जिसकी लगातार सुनवाई में भी नगर निगम टाल मटोल करता दिख रहा है इससे स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं प्रतिनियुक्ति पर बैठे अधिकारी मूल कर्मचारियों के साथ कुठारा घाट कर रहे हैं इसकी जांच होना अनिवार्य है