
एप्पल ने 8 बिलियन डॉलर की मजबूत बिक्री को छुआ
Jul 17, 2024
-इस तेजी ने चीन और वियतनाम जैसे देशों को कर दिया परेशान
नई दिल्ली । टेक दिग्गज कंपनी एप्पल ने वित्त वर्ष 2024 में भारत में लगभग 8 बिलियन डॉलर की मजबूत बिक्री को छुआ है, जो लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) है। भारत द्वारा उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लागू करने के कारण घरेलू विनिर्माण में आई तेजी ने चीन और वियतनाम जैसे देशों को परेशान कर दिया है। दोनों ही देश चीन और वियतनाम इस मामले में लड़खड़ा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार में प्रीमियमीकरण की सोच के कारण आईफोन की बिक्री में तेजी आई है। न केवल बेहतरीन घरेलू बिक्री, क्यूपर्टिनो बेस्ड कंपनी ने निर्यात में भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। घरेलू विनिर्माण को मिल रहे शानदार समर्थन और मजबूत वितरण के कारण इस साल आईफोन शिपमेंट में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने का अनुमान है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसंधान निदेशक तरुण पाठक ने बताया कि प्रीमियमाइज़ेशन के शुरू होने के साथ ही एप्पल को एक बार फिर अपने उपकरणों और निवेश प्रस्तावों के माध्यम से इसका लाभ उठाने का सही समय मिल गया है। इसके अतिरिक्त, ब्रांड मजबूत हुआ है और कंपनी इसका भी आनंद ले रही है और देश में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है, जिससे इसे बढ़ने में मदद मिल रही है। भारत द्वारा पीएलआई योजना को बढ़ावा देने के कारण मोबाइल फोन निर्यात में वित्त वर्ष 2024 में काफी वृद्धि हुई। इसकी वजह से चीन और वियतनाम जैसे मोबाइल बनाने वाले दिग्गज देश भारत से पीछे रह गए। चीन से मोबाइल फोन का निर्यात वित्त वर्ष 2023 में 136.3 बिलियन डॉलर से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 132.5 बिलियन डॉलर हो गया।
इसी तरह, नवीनतम उद्योग आंकड़ों के अनुसार, वियतनाम में वित्त वर्ष 2023 में 31.9 बिलियन डॉलर से घटकर पिछले वित्तीय वर्ष 2024 में 26.27 बिलियन डॉलर हो गया। उद्योग के अनुमान के अनुसार, मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में अनुमानित 4.10 लाख करोड़ रुपये हो गया। जो लगभग 2,000 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। जानकारी के अनुसार भारत में प्रीमियम सेगमेंट के अधिकांश उपभोक्ताओं ने स्मार्टफोन खरीदने के लिए फाइनेंशियल स्कीम का चुनाव किया। भारत में एप्पल के नेतृत्व में देश से मोबाइल फोन निर्यात वित्त वर्ष 2023 में 11 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में लगभग 16 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।