सीजफायर समझौते के बीच नेतन्याहू ने कहा- नियमों को तोड़ा तो करारा जवाब भी देंगे

येरुशलम,। मध्य पूर्व में इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने ईरान समर्थित हिज़्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते को मंजूरी दे दी है, जिससे लेबनान में महीनों से जारी हिंसा के खत्म होने का रास्ता साफ हुआ है। इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हिज्बुल्लाह को चेताते हुए साफ कर दिया कि यदि नियमों का उल्लंघन किया तो करारा जवाब भी देंगे। 

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम की घोषणा के बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समझौता लागू रहेगा, लेकिन किसी भी उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया जाएगा। नेतन्याहू ने जोर दिया कि इजरायल अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें गाजा से खतरे का खत्म होना और बंधकों की सुरक्षित वापसी शामिल है। उन्होंने सुरक्षा बलों की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए इसे युद्ध में बड़ी सफलता करार दिया। हालांकि, सीजफायर के पहले तक भी इजरायल ने लेबनान पर जोरदार हमला जारी रखा। उन्होंने बेरूत के एक इमारत पर हवाई हमला किया था, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी। इजरायल और हिज्बुल्लाह ने अमेरिकी और फ्रांसीसी मध्यस्थता में युद्धविराम पर सहमति जताई,जिसकी घोषणा जल्द ही दोनों नेता करने वाले हैं। इसके बाद इजरायली सैनिक दक्षिण लेबनान से वापस लौटेंगे। लेबनान की सेना इस क्षेत्र में 5,000 सैनिक तैनात करेगी, जबकि हिज़्बुल्लाह अपनी सशस्त्र उपस्थिति को लिटानी नदी के दक्षिण में समाप्त करेगा। इजरायल और लेबनान की जंग में अब तक लेबनान में लगभग 3,800 लोग मारे गए, और 16,000 से अधिक घायल हुए। इजरायली हमलों से लेबनान का बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, अमेरिका ने मदद करने की बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते को मध्य पूर्व के लिए सकारात्मक कदम बताया। वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी इस फैसले को सराहा है।


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