संपादकों की पसंद

भारत में पहली बार 4 फीसदी से ज्यादा ‎बिकी ई-कार

- मई में ताबड़तोड़ 12,304 इलेक्ट्रिक कारें ‎बिकी

नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग में धीरे धीरे इजाफा हो रहा है। हाल  ही में देखें तो मई 2025 में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की रिकॉर्ड ब्रेकिंग बिक्री है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल मई 2025 में ईवी की रिटेल सेल कुल कारों की बिक्री का 4 फीसदी से अधिक रही, जो अब तक की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। मई 2025 में देशभर में 12,304 इलेक्ट्रिक कारों की रिटेल बिक्री हुई, जो पिछले साल मई 2024 की 8,029 यूनिट्स के मुकाबले में लगभग 53 फीसदी की भारी वृद्धि है।

अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 12,233 यूनिट्स था, जिससे मई में हल्की सी बढ़त देखने को मिली है। पिछले साल इसी समय पर ईवी की हिस्सेदारी 2.6 फीसदी थी, जबकि अप्रैल 2025 में यह 3.5 फीसदी थी। यानी हर महीने इलेक्ट्रिक कारों की लोकप्रियता बढ़ रही है। यह न केवल कार बाजार में बदलाव का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उपभोक्ता अब रेगुलर पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में ईवी को प्राथमिकता दे रहे हैं।



दोनों टीमें गेंदबाजी आक्रमण के मामले में संतुलित : आरोन फिंच

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज आरोन फिंच का मानना है कि मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाजी आक्रमण दक्षिण अफ्रीका की तुलना में अधिक अनुभवी और प्रभावशाली है। फिंच ने ऑस्ट्रेलिया की ताकत का बखान करते हुए कहा कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में उसके गेंदबाजों को अधिक अनुभव है, जिससे उसे बढ़त मिलती है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि दोनों टीमें गेंदबाजी आक्रमण के मामले में संतुलित हैं। मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस, जोश हेजलवुड, स्कॉट बोलैंड और नाथन लियोन जैसे गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया की ताकत हैं। दूसरी ओर रबाडा, लुंगी एनगिडी, मार्को जेनसन और केशव महाराज भी साउथ अफ्रीका के लिए घातक साबित हो सकते हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया को इंग्लैंड में खेलने का ज्यादा अनुभव है, जो उसे इस मुकाबले में बढ़त देगा।” 

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया ने पिछली बार ओवल में भारत को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीता था। कमिंस की कप्तानी में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने हाल ही में भारत को 3-1 से हराकर एक दशक बाद घरेलू मैदान पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने मौजूदा डब्ल्यूटीसी चक्र में अब तक छह में से चार टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की है। फिंच, जिन्होंने 2021 टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया को खिताबी जीत दिलाई थी, ने टेस्ट कप्तान पैट कमिंस की नेतृत्व क्षमता की भी तारीफ की। 

उन्होंने कहा, “कमिंस ने सही समय पर टीम को एकजुट करने और रणनीति को लागू करने में महारत हासिल की है। उनकी और कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड की साझेदारी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है।” फिंच के मुताबिक, यदि ऑस्ट्रेलिया अपनी गेंदबाजी का बेहतर इस्तेमाल करता है, तो एक बार फिर वह चैंपियन बनने का दम रखता है। बता दें कि  आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2023-25 का फाइनल लॉर्ड्स में 11 से 15 जून तक खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया जहां दूसरी बार खिताब के लिए खेलेगा, वहीं दक्षिण अफ्रीका पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है। 


12 घंटे सुलगती रही भोपाल की पुट्ठा फैक्ट्री:50 दमकलें-टैंकर आग बुझाने में लगी रही; गोविंदपुरा की बस्ती खाली कराई

भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के एच सेक्टर आदर्श नगर स्थित वरुण इंटरप्राइजेज पुट्ठा (पेपर के गत्ते) बनाने की फैक्ट्री में करीब 12 घंटे तक आग सुलगती रही। सोमवार सुबह 7 बजे तक भी धुआं निकलता रहा। देर रात 50 से ज्यादा दमकलों और टैंकरों की मदद से भीषण आग पर काबू तो पा लिया गया था, लेकिन पुट्‌ठों की वजह से वह बार-बार सुलगती रही। अभी भी मौके पर दमकलें तैनात की गई हैं।

बता दें कि फैक्ट्री में रविवार शाम 7 बजे आग लग गई थी। आग तेजी से फैलती की गई। इस वजह से पास की झुग्गी बस्ती को तत्काल खाली कराना पड़ा। झुग्गियों तक आग न पहुंचे, इसके लिए सबसे पहले दमकलकर्मियों ने वहीं मोर्चा संभाला। इसके बाद फैक्ट्री के अंदर की आग पर काबू पाने की कोशिश रात भर चलती रही। हालांकि, सुबह तक आग काबू में आ गई, लेकिन कुछ जगहों से वह बार-बार सुलग रही थी। इस कारण दमकलें मौके पर ही तैनात रही।

इस वजह से लगी आग फैक्ट्री में रखे कागज के रोल और प्लास्टिक की मौजूदगी के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया। आग बुझाने के लिए शहर के सभी फायर स्टेशनों से दमकल वाहन मौके पर पहुंचे। कुल 10 फायर फाइटर, 2 वाटर बाऊजर और 8 टैंकर ने करीब 5-5 बार पानी की रिफिलिंग कर आग पर काबू पाने की कोशिश की। 50 से ज्यादा टैंकर और दमकलें आग बुझाने में लगे रहे।

बंद फैक्ट्री का ताला तोड़ा जानकारी के अनुसार, रविवार होने से फैक्ट्री बंद थी, इसलिए फायर फाइटर्स ने दरवाजा तोड़ा। तभी आग से जलकर टीन शेड से बनी छत नीचे गिर गई। इससे फायरमैन को अंदर घुसने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालात को देखते हुए मौके पर जेसीबी बुलाकर टीन शेड हटाया गया।

आग से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। देर रात तक लोग झुग्गियों से बाहर सड़कों पर डटे रहे। घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड के साथ ही अशोका गार्डन थाने से पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था।

मार्च में भी लगी थी एक फैक्ट्री में आग गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में इससे पहले 1 मार्च को भी एक केमिकल फैक्ट्री में आग लग चुकी है। इसे बुझाने में भी 7 घंटे का समय लगा था।

खाटूश्याम में बेटा गंवाने वाली मां बोली-मेरा सबकुछ लुट गया:भोपाल से कई मुरादें लेकर निकली थी, भगवान के दर से बेटा ही चला गया

'पता नहीं मेरा रक्षम किस हाल में होगा। कभी मुझ से घंटे भर भी दूर नहीं रहा। दो दिन बीत चुके हैं। लेकिन वह मुझ से दूर है। मेरा तो सबकुछ लुट गया। मेरा बेटा कैसा होगा, किस हाल में होगा। भगवान बस मुझे उससे जल्द से जल्द मिला दे। बस मेरा बच्चा सही-सलामत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।'

यह कहना है भोपाल में ऐशबाग थाना क्षेत्र के पुष्पा नगर वार्ड-39 के महामाई का बाग में रहने वाले तीन साल के बच्चे रक्षम की मां ललिता जाटव (28) पति अजय जाटव का।

राजस्थान के खाटूश्याम में रक्षम के अपहरण के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

3 बेटियों के बाद पैदा हुआ था बेटा, वह भी खो दिया मां ललिता ने बताया, पति अजय मिस्त्री का काम करते हैं। बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। परिवार में आर्थिक तंगी के हालात हैं। मैं होटल में खाना बनाने का काम करती हूं। लेकिन पति और मेरी कमाई के बाद भी परिवार का गुजारा मुश्किल होता है।

तीन बेटियों के बाद कई मंदिरों में मान-मन्नत करने के बाद बेटे का जन्म हुआ। वह सबसे छोटा और पूरे परिवार का लाड़ला है। मेरा तो पूरा जीवन संघर्ष में बीत रहा है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य की चाह में बेटियों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हूं। बेटे को भी बहुत कामयाब होता देखना चाहती हूं। पति शराब छोड़ दें।

परिवार से आर्थिक तंगी दूर और बच्चे आने वाले समय में कामयाब रहें, स्वस्थ्य रहें, इन तमाम मुरादों के साथ कई दिनों से खाटूश्याम जाने की इच्छा थी। मां साथ जाने को राजी हुई, तब हम एकादशी पर दर्शन के लिए 6 जून शुक्रवार को भोपाल से खाटूश्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून को खाटूश्याम पहुंचे।

​​​​​​नानी बोली- अनजान युवक पर भरोसा भारी पड़ गया नानी आशा अहिरवार ने बताया कि जयपुर स्टेशन के बाहर पुलिस से सिंधी कैंप का पता पूछा। तभी वहां आरोपी आया। उसने पूछा कि दीदी क्या आप लोग खाटूश्याम जी पहली बार जा रहे हैं। मैंने हां में जवाब दिया। इसके बाद वो भी हमारे साथ चलने लगा। सिंधी कैंप से खाटू श्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून की सुबह वहां पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद शासकीय सुलभ कॉम्प्लेक्स में फ्रेश होने गए। इस दौरान आरोपी हमारे आसपास ही रहा। वो भी वहीं नहाया। मैं, मेरी बेटी ललिता और बेटा रक्षम तैयार हो चुके थे। तब आरोपी बोला कि मैं तो हर ग्यारस को यहां आता हूं। आपको मैं घुमा देता हूं। मंदिर की पूरी परिक्रमा में वह साथ रहा। खाटू श्याम जी के एंट्री गेट पर पहुंचते ही आरोपी बोला कि आप लोग दर्शन कर आओ। मैं यहां आता रहता हूं। अंदर समय लगेगा। बच्चा बीमार है। इसे मेरे पास ही छोड़ जाओ।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सीसीटीवी चेक किए। उसमें आरोपी कैद हो गया। वह लगातार घूमता-फिरता रहा। हमारे अंदर जाने के बाद वह करीब डेढ़ घंटे तक वहीं आसपास रहा जहां बच्चे को छोड़ा था। लेकिन इसके बाद वह चला गया।

हमें पता नहीं था हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात हो जाएगा। युवक लगातार अपनापन जता रहा था। उसने बच्चे की देखभाल भी की। कम समय में ही रक्षम की भी उससे दोस्ती हो गई थी। भरोसा कर रक्षम को छोड़ने की गलती की।

सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आया था

बताया जा रहा है कि ट्रेन में सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आ गया। मां ललिता ने उसे बुखार की दवा दी तो उसे उल्टियां होने लगीं। इससे बच्चा लगातार मां की गोद में रहा। ललिता थक चुकी थी। इसी बीच अनजान युवक का जब उसे साथ मिला तो उसने भरोसा किया और बच्चे को उसे गोद में दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने चंद घंटों में बच्चे की मां और नानी का विश्वास जीता और मौका मिलते ही उसे लेकर भाग निकला।

CCTV में बच्चे को फ्रूटी पिलाता दिखा आरोपी युवक पुलिस जांच में सामने आया कि किडनैपर बच्चे को एक दुकान पर ले गया। जहां उसे फ्रूटी पिलाई। वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा। फिर कहीं गायब हो गया। खाटू श्यामजी थाने के एसएचओ पवन चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश में दो टीमें जुटी हैं। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बच्चे को तलाशने पूरी ताकत से कोशिश की जा रही है। जल्द उसे बरामद कर लिया जाएगा।

ताजा खबर

भारत में पहली बार 4 फीसदी से ज्यादा ‎बिकी ई-कार

'पता नहीं मेरा रक्षम किस हाल में होगा। कभी मुझ से घंटे भर भी दूर नहीं रहा। दो दिन बीत चुके हैं। लेकिन वह मुझ से दूर है। मेरा तो सबकुछ लुट गया। मेरा बेटा कैसा होगा, किस हाल में होगा। भगवान बस मुझे उससे जल्द से जल्द मिला दे। बस मेरा बच्चा सही-सलामत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।'

यह कहना है भोपाल में ऐशबाग थाना क्षेत्र के पुष्पा नगर वार्ड-39 के महामाई का बाग में रहने वाले तीन साल के बच्चे रक्षम की मां ललिता जाटव (28) पति अजय जाटव का।

राजस्थान के खाटूश्याम में रक्षम के अपहरण के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

3 बेटियों के बाद पैदा हुआ था बेटा, वह भी खो दिया मां ललिता ने बताया, पति अजय मिस्त्री का काम करते हैं। बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। परिवार में आर्थिक तंगी के हालात हैं। मैं होटल में खाना बनाने का काम करती हूं। लेकिन पति और मेरी कमाई के बाद भी परिवार का गुजारा मुश्किल होता है।

तीन बेटियों के बाद कई मंदिरों में मान-मन्नत करने के बाद बेटे का जन्म हुआ। वह सबसे छोटा और पूरे परिवार का लाड़ला है। मेरा तो पूरा जीवन संघर्ष में बीत रहा है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य की चाह में बेटियों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हूं। बेटे को भी बहुत कामयाब होता देखना चाहती हूं। पति शराब छोड़ दें।

परिवार से आर्थिक तंगी दूर और बच्चे आने वाले समय में कामयाब रहें, स्वस्थ्य रहें, इन तमाम मुरादों के साथ कई दिनों से खाटूश्याम जाने की इच्छा थी। मां साथ जाने को राजी हुई, तब हम एकादशी पर दर्शन के लिए 6 जून शुक्रवार को भोपाल से खाटूश्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून को खाटूश्याम पहुंचे।

​​​​​​नानी बोली- अनजान युवक पर भरोसा भारी पड़ गया नानी आशा अहिरवार ने बताया कि जयपुर स्टेशन के बाहर पुलिस से सिंधी कैंप का पता पूछा। तभी वहां आरोपी आया। उसने पूछा कि दीदी क्या आप लोग खाटूश्याम जी पहली बार जा रहे हैं। मैंने हां में जवाब दिया। इसके बाद वो भी हमारे साथ चलने लगा। सिंधी कैंप से खाटू श्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून की सुबह वहां पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद शासकीय सुलभ कॉम्प्लेक्स में फ्रेश होने गए। इस दौरान आरोपी हमारे आसपास ही रहा। वो भी वहीं नहाया। मैं, मेरी बेटी ललिता और बेटा रक्षम तैयार हो चुके थे। तब आरोपी बोला कि मैं तो हर ग्यारस को यहां आता हूं। आपको मैं घुमा देता हूं। मंदिर की पूरी परिक्रमा में वह साथ रहा। खाटू श्याम जी के एंट्री गेट पर पहुंचते ही आरोपी बोला कि आप लोग दर्शन कर आओ। मैं यहां आता रहता हूं। अंदर समय लगेगा। बच्चा बीमार है। इसे मेरे पास ही छोड़ जाओ।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सीसीटीवी चेक किए। उसमें आरोपी कैद हो गया। वह लगातार घूमता-फिरता रहा। हमारे अंदर जाने के बाद वह करीब डेढ़ घंटे तक वहीं आसपास रहा जहां बच्चे को छोड़ा था। लेकिन इसके बाद वह चला गया।

हमें पता नहीं था हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात हो जाएगा। युवक लगातार अपनापन जता रहा था। उसने बच्चे की देखभाल भी की। कम समय में ही रक्षम की भी उससे दोस्ती हो गई थी। भरोसा कर रक्षम को छोड़ने की गलती की।

सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आया था

बताया जा रहा है कि ट्रेन में सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आ गया। मां ललिता ने उसे बुखार की दवा दी तो उसे उल्टियां होने लगीं। इससे बच्चा लगातार मां की गोद में रहा। ललिता थक चुकी थी। इसी बीच अनजान युवक का जब उसे साथ मिला तो उसने भरोसा किया और बच्चे को उसे गोद में दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने चंद घंटों में बच्चे की मां और नानी का विश्वास जीता और मौका मिलते ही उसे लेकर भाग निकला।

CCTV में बच्चे को फ्रूटी पिलाता दिखा आरोपी युवक पुलिस जांच में सामने आया कि किडनैपर बच्चे को एक दुकान पर ले गया। जहां उसे फ्रूटी पिलाई। वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा। फिर कहीं गायब हो गया। खाटू श्यामजी थाने के एसएचओ पवन चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश में दो टीमें जुटी हैं। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बच्चे को तलाशने पूरी ताकत से कोशिश की जा रही है। जल्द उसे बरामद कर लिया जाएगा।

दोनों टीमें गेंदबाजी आक्रमण के मामले में संतुलित : आरोन फिंच

'पता नहीं मेरा रक्षम किस हाल में होगा। कभी मुझ से घंटे भर भी दूर नहीं रहा। दो दिन बीत चुके हैं। लेकिन वह मुझ से दूर है। मेरा तो सबकुछ लुट गया। मेरा बेटा कैसा होगा, किस हाल में होगा। भगवान बस मुझे उससे जल्द से जल्द मिला दे। बस मेरा बच्चा सही-सलामत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।'

यह कहना है भोपाल में ऐशबाग थाना क्षेत्र के पुष्पा नगर वार्ड-39 के महामाई का बाग में रहने वाले तीन साल के बच्चे रक्षम की मां ललिता जाटव (28) पति अजय जाटव का।

राजस्थान के खाटूश्याम में रक्षम के अपहरण के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

3 बेटियों के बाद पैदा हुआ था बेटा, वह भी खो दिया मां ललिता ने बताया, पति अजय मिस्त्री का काम करते हैं। बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। परिवार में आर्थिक तंगी के हालात हैं। मैं होटल में खाना बनाने का काम करती हूं। लेकिन पति और मेरी कमाई के बाद भी परिवार का गुजारा मुश्किल होता है।

तीन बेटियों के बाद कई मंदिरों में मान-मन्नत करने के बाद बेटे का जन्म हुआ। वह सबसे छोटा और पूरे परिवार का लाड़ला है। मेरा तो पूरा जीवन संघर्ष में बीत रहा है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य की चाह में बेटियों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हूं। बेटे को भी बहुत कामयाब होता देखना चाहती हूं। पति शराब छोड़ दें।

परिवार से आर्थिक तंगी दूर और बच्चे आने वाले समय में कामयाब रहें, स्वस्थ्य रहें, इन तमाम मुरादों के साथ कई दिनों से खाटूश्याम जाने की इच्छा थी। मां साथ जाने को राजी हुई, तब हम एकादशी पर दर्शन के लिए 6 जून शुक्रवार को भोपाल से खाटूश्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून को खाटूश्याम पहुंचे।

​​​​​​नानी बोली- अनजान युवक पर भरोसा भारी पड़ गया नानी आशा अहिरवार ने बताया कि जयपुर स्टेशन के बाहर पुलिस से सिंधी कैंप का पता पूछा। तभी वहां आरोपी आया। उसने पूछा कि दीदी क्या आप लोग खाटूश्याम जी पहली बार जा रहे हैं। मैंने हां में जवाब दिया। इसके बाद वो भी हमारे साथ चलने लगा। सिंधी कैंप से खाटू श्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून की सुबह वहां पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद शासकीय सुलभ कॉम्प्लेक्स में फ्रेश होने गए। इस दौरान आरोपी हमारे आसपास ही रहा। वो भी वहीं नहाया। मैं, मेरी बेटी ललिता और बेटा रक्षम तैयार हो चुके थे। तब आरोपी बोला कि मैं तो हर ग्यारस को यहां आता हूं। आपको मैं घुमा देता हूं। मंदिर की पूरी परिक्रमा में वह साथ रहा। खाटू श्याम जी के एंट्री गेट पर पहुंचते ही आरोपी बोला कि आप लोग दर्शन कर आओ। मैं यहां आता रहता हूं। अंदर समय लगेगा। बच्चा बीमार है। इसे मेरे पास ही छोड़ जाओ।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सीसीटीवी चेक किए। उसमें आरोपी कैद हो गया। वह लगातार घूमता-फिरता रहा। हमारे अंदर जाने के बाद वह करीब डेढ़ घंटे तक वहीं आसपास रहा जहां बच्चे को छोड़ा था। लेकिन इसके बाद वह चला गया।

हमें पता नहीं था हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात हो जाएगा। युवक लगातार अपनापन जता रहा था। उसने बच्चे की देखभाल भी की। कम समय में ही रक्षम की भी उससे दोस्ती हो गई थी। भरोसा कर रक्षम को छोड़ने की गलती की।

सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आया था

बताया जा रहा है कि ट्रेन में सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आ गया। मां ललिता ने उसे बुखार की दवा दी तो उसे उल्टियां होने लगीं। इससे बच्चा लगातार मां की गोद में रहा। ललिता थक चुकी थी। इसी बीच अनजान युवक का जब उसे साथ मिला तो उसने भरोसा किया और बच्चे को उसे गोद में दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने चंद घंटों में बच्चे की मां और नानी का विश्वास जीता और मौका मिलते ही उसे लेकर भाग निकला।

CCTV में बच्चे को फ्रूटी पिलाता दिखा आरोपी युवक पुलिस जांच में सामने आया कि किडनैपर बच्चे को एक दुकान पर ले गया। जहां उसे फ्रूटी पिलाई। वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा। फिर कहीं गायब हो गया। खाटू श्यामजी थाने के एसएचओ पवन चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश में दो टीमें जुटी हैं। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बच्चे को तलाशने पूरी ताकत से कोशिश की जा रही है। जल्द उसे बरामद कर लिया जाएगा।

12 घंटे सुलगती रही भोपाल की पुट्ठा फैक्ट्री:50 दमकलें-टैंकर आग बुझाने में लगी रही; गोविंदपुरा की बस्ती खाली कराई

'पता नहीं मेरा रक्षम किस हाल में होगा। कभी मुझ से घंटे भर भी दूर नहीं रहा। दो दिन बीत चुके हैं। लेकिन वह मुझ से दूर है। मेरा तो सबकुछ लुट गया। मेरा बेटा कैसा होगा, किस हाल में होगा। भगवान बस मुझे उससे जल्द से जल्द मिला दे। बस मेरा बच्चा सही-सलामत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।'

यह कहना है भोपाल में ऐशबाग थाना क्षेत्र के पुष्पा नगर वार्ड-39 के महामाई का बाग में रहने वाले तीन साल के बच्चे रक्षम की मां ललिता जाटव (28) पति अजय जाटव का।

राजस्थान के खाटूश्याम में रक्षम के अपहरण के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

3 बेटियों के बाद पैदा हुआ था बेटा, वह भी खो दिया मां ललिता ने बताया, पति अजय मिस्त्री का काम करते हैं। बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। परिवार में आर्थिक तंगी के हालात हैं। मैं होटल में खाना बनाने का काम करती हूं। लेकिन पति और मेरी कमाई के बाद भी परिवार का गुजारा मुश्किल होता है।

तीन बेटियों के बाद कई मंदिरों में मान-मन्नत करने के बाद बेटे का जन्म हुआ। वह सबसे छोटा और पूरे परिवार का लाड़ला है। मेरा तो पूरा जीवन संघर्ष में बीत रहा है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य की चाह में बेटियों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हूं। बेटे को भी बहुत कामयाब होता देखना चाहती हूं। पति शराब छोड़ दें।

परिवार से आर्थिक तंगी दूर और बच्चे आने वाले समय में कामयाब रहें, स्वस्थ्य रहें, इन तमाम मुरादों के साथ कई दिनों से खाटूश्याम जाने की इच्छा थी। मां साथ जाने को राजी हुई, तब हम एकादशी पर दर्शन के लिए 6 जून शुक्रवार को भोपाल से खाटूश्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून को खाटूश्याम पहुंचे।

​​​​​​नानी बोली- अनजान युवक पर भरोसा भारी पड़ गया नानी आशा अहिरवार ने बताया कि जयपुर स्टेशन के बाहर पुलिस से सिंधी कैंप का पता पूछा। तभी वहां आरोपी आया। उसने पूछा कि दीदी क्या आप लोग खाटूश्याम जी पहली बार जा रहे हैं। मैंने हां में जवाब दिया। इसके बाद वो भी हमारे साथ चलने लगा। सिंधी कैंप से खाटू श्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून की सुबह वहां पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद शासकीय सुलभ कॉम्प्लेक्स में फ्रेश होने गए। इस दौरान आरोपी हमारे आसपास ही रहा। वो भी वहीं नहाया। मैं, मेरी बेटी ललिता और बेटा रक्षम तैयार हो चुके थे। तब आरोपी बोला कि मैं तो हर ग्यारस को यहां आता हूं। आपको मैं घुमा देता हूं। मंदिर की पूरी परिक्रमा में वह साथ रहा। खाटू श्याम जी के एंट्री गेट पर पहुंचते ही आरोपी बोला कि आप लोग दर्शन कर आओ। मैं यहां आता रहता हूं। अंदर समय लगेगा। बच्चा बीमार है। इसे मेरे पास ही छोड़ जाओ।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सीसीटीवी चेक किए। उसमें आरोपी कैद हो गया। वह लगातार घूमता-फिरता रहा। हमारे अंदर जाने के बाद वह करीब डेढ़ घंटे तक वहीं आसपास रहा जहां बच्चे को छोड़ा था। लेकिन इसके बाद वह चला गया।

हमें पता नहीं था हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात हो जाएगा। युवक लगातार अपनापन जता रहा था। उसने बच्चे की देखभाल भी की। कम समय में ही रक्षम की भी उससे दोस्ती हो गई थी। भरोसा कर रक्षम को छोड़ने की गलती की।

सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आया था

बताया जा रहा है कि ट्रेन में सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आ गया। मां ललिता ने उसे बुखार की दवा दी तो उसे उल्टियां होने लगीं। इससे बच्चा लगातार मां की गोद में रहा। ललिता थक चुकी थी। इसी बीच अनजान युवक का जब उसे साथ मिला तो उसने भरोसा किया और बच्चे को उसे गोद में दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने चंद घंटों में बच्चे की मां और नानी का विश्वास जीता और मौका मिलते ही उसे लेकर भाग निकला।

CCTV में बच्चे को फ्रूटी पिलाता दिखा आरोपी युवक पुलिस जांच में सामने आया कि किडनैपर बच्चे को एक दुकान पर ले गया। जहां उसे फ्रूटी पिलाई। वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा। फिर कहीं गायब हो गया। खाटू श्यामजी थाने के एसएचओ पवन चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश में दो टीमें जुटी हैं। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बच्चे को तलाशने पूरी ताकत से कोशिश की जा रही है। जल्द उसे बरामद कर लिया जाएगा।

खाटूश्याम में बेटा गंवाने वाली मां बोली-मेरा सबकुछ लुट गया:भोपाल से कई मुरादें लेकर निकली थी, भगवान के दर से बेटा ही चला गया

'पता नहीं मेरा रक्षम किस हाल में होगा। कभी मुझ से घंटे भर भी दूर नहीं रहा। दो दिन बीत चुके हैं। लेकिन वह मुझ से दूर है। मेरा तो सबकुछ लुट गया। मेरा बेटा कैसा होगा, किस हाल में होगा। भगवान बस मुझे उससे जल्द से जल्द मिला दे। बस मेरा बच्चा सही-सलामत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।'

यह कहना है भोपाल में ऐशबाग थाना क्षेत्र के पुष्पा नगर वार्ड-39 के महामाई का बाग में रहने वाले तीन साल के बच्चे रक्षम की मां ललिता जाटव (28) पति अजय जाटव का।

राजस्थान के खाटूश्याम में रक्षम के अपहरण के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

3 बेटियों के बाद पैदा हुआ था बेटा, वह भी खो दिया मां ललिता ने बताया, पति अजय मिस्त्री का काम करते हैं। बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। परिवार में आर्थिक तंगी के हालात हैं। मैं होटल में खाना बनाने का काम करती हूं। लेकिन पति और मेरी कमाई के बाद भी परिवार का गुजारा मुश्किल होता है।

तीन बेटियों के बाद कई मंदिरों में मान-मन्नत करने के बाद बेटे का जन्म हुआ। वह सबसे छोटा और पूरे परिवार का लाड़ला है। मेरा तो पूरा जीवन संघर्ष में बीत रहा है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य की चाह में बेटियों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हूं। बेटे को भी बहुत कामयाब होता देखना चाहती हूं। पति शराब छोड़ दें।

परिवार से आर्थिक तंगी दूर और बच्चे आने वाले समय में कामयाब रहें, स्वस्थ्य रहें, इन तमाम मुरादों के साथ कई दिनों से खाटूश्याम जाने की इच्छा थी। मां साथ जाने को राजी हुई, तब हम एकादशी पर दर्शन के लिए 6 जून शुक्रवार को भोपाल से खाटूश्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून को खाटूश्याम पहुंचे।

​​​​​​नानी बोली- अनजान युवक पर भरोसा भारी पड़ गया नानी आशा अहिरवार ने बताया कि जयपुर स्टेशन के बाहर पुलिस से सिंधी कैंप का पता पूछा। तभी वहां आरोपी आया। उसने पूछा कि दीदी क्या आप लोग खाटूश्याम जी पहली बार जा रहे हैं। मैंने हां में जवाब दिया। इसके बाद वो भी हमारे साथ चलने लगा। सिंधी कैंप से खाटू श्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून की सुबह वहां पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद शासकीय सुलभ कॉम्प्लेक्स में फ्रेश होने गए। इस दौरान आरोपी हमारे आसपास ही रहा। वो भी वहीं नहाया। मैं, मेरी बेटी ललिता और बेटा रक्षम तैयार हो चुके थे। तब आरोपी बोला कि मैं तो हर ग्यारस को यहां आता हूं। आपको मैं घुमा देता हूं। मंदिर की पूरी परिक्रमा में वह साथ रहा। खाटू श्याम जी के एंट्री गेट पर पहुंचते ही आरोपी बोला कि आप लोग दर्शन कर आओ। मैं यहां आता रहता हूं। अंदर समय लगेगा। बच्चा बीमार है। इसे मेरे पास ही छोड़ जाओ।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सीसीटीवी चेक किए। उसमें आरोपी कैद हो गया। वह लगातार घूमता-फिरता रहा। हमारे अंदर जाने के बाद वह करीब डेढ़ घंटे तक वहीं आसपास रहा जहां बच्चे को छोड़ा था। लेकिन इसके बाद वह चला गया।

हमें पता नहीं था हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात हो जाएगा। युवक लगातार अपनापन जता रहा था। उसने बच्चे की देखभाल भी की। कम समय में ही रक्षम की भी उससे दोस्ती हो गई थी। भरोसा कर रक्षम को छोड़ने की गलती की।

सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आया था

बताया जा रहा है कि ट्रेन में सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आ गया। मां ललिता ने उसे बुखार की दवा दी तो उसे उल्टियां होने लगीं। इससे बच्चा लगातार मां की गोद में रहा। ललिता थक चुकी थी। इसी बीच अनजान युवक का जब उसे साथ मिला तो उसने भरोसा किया और बच्चे को उसे गोद में दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने चंद घंटों में बच्चे की मां और नानी का विश्वास जीता और मौका मिलते ही उसे लेकर भाग निकला।

CCTV में बच्चे को फ्रूटी पिलाता दिखा आरोपी युवक पुलिस जांच में सामने आया कि किडनैपर बच्चे को एक दुकान पर ले गया। जहां उसे फ्रूटी पिलाई। वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा। फिर कहीं गायब हो गया। खाटू श्यामजी थाने के एसएचओ पवन चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश में दो टीमें जुटी हैं। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बच्चे को तलाशने पूरी ताकत से कोशिश की जा रही है। जल्द उसे बरामद कर लिया जाएगा।

Video Games

Subscribe to our Newsletter